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प्रधान आयकर महानिदेशालय (अंतरराष्ट्रीय कराधान)

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प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (अंतर्राष्ट्रीय कराधान), नर्इ दिल्ली

भारत में अंतर्राष्ट्रीय कराधान प्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में एक उभरता हुआ कार्य क्षेत्र है। अंतर्राष्ट्रीय कराधान की स्थापना का प्रमुख प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (अंतर्राष्ट्रीय कराधान) है जिसका कार्यालय नर्इ दिल्ली में स्थित है। क्षेत्र स्थापनाओं को आगे मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में अंतर्राष्ट्रीय कराधान, अंतरण कीमत निर्धारण और अग्रिम कीमत निर्धारण समझौते में बांटा गया है। इन प्रत्येक कार्य क्षेत्रों का प्रमुख आयकर निदेशक/आयुक्त है। उपरोक्त के अलावा, कीमत अंतरण समायोजन से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के रूप में आयकर अधिनियम, 1961 में विवाद समाधान पैनल (डीआरपी) की अवधारणा शुरू की गयी। विभिन्न कार्य क्षेत्रों के अंतर्गत कार्य का एक संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है-

  1. अंतर्राष्ट्रीय कराधान

    इस कार्य क्षेत्र में विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कराधान निदेशालय संलग्न हैं और भारत में उपचित या उत्पन्न होने वाली अनिवासियों की आय के निर्धारण व कराधान आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। यह फार्म 15गक और 15गख के सत्यापन के सत्यापन और आयकर अधिनियम, 1961 की धाराएं 195, 197 और 201 के तहत प्रसंस्करण और सत्यापन संबंधी कार्यों को भी देखता है।

  2. अंतरण कीमत निर्धारण

    इस कार्य क्षेत्र में अंतरण कीमत निर्धारण के विभिन्न निदेशालय संलग्न हैं, और आयकर अधिनियम-1961 के अध्याय दस के तहत दो या अधिक सहयोगी उद्यमों (एर्इ) के बीच वस्तुओं, सेवाओं, अमूर्त वस्तुओं आदि के हस्तांतरण से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय लेनदेनों में फासले की कीमत निर्धारण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है।

  3. अग्रिम कीमत निर्धारण समझौते

    अंतरण कीमत निर्धारण विनियम के तहत अग्रिम कीमत निर्धारण समझौता योजना (एपीए) 2012 -13 के केंद्रीय बजट में शुरू की गयी थी। यह योजना, सहयोगी उद्यमों (एर्इ), के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के संबंध में, अग्रिम आधार पर, फासले की कीमत के निर्धारण या फासले के कीमत (एएलपी) निर्धारण के ढंग के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और करदाता के बीच एक समझौता है।

  4. विवाद समाधान पैनल (डीआरपी)

    आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 144ग, डीआरपी से संबंधित प्रावधानों को नियंत्रित करती है और डीआरपी को इस उद्देश्य के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा गठित आयकर के तीन आयुक्तों को शामिल करने वाले एक कोलेजियम के रूप में परिभाषित करती है। जब निर्धारण अधिकारी (एओ) अधिनियम की धारा-144ग के तहत मसौदा निर्धारण आदेश के माध्यम से, निर्धारिती द्वारा दाखिल विवरणी में कथित आय या हानि में अंतरण मूल्य समायोजन के आधार पर किसी भी परिवर्तन का प्रस्ताव करता है और उस पर निर्धारिती की 'स्वीकृति या आपत्ति' आमंत्रित करता है, तो निर्धारिती या तो आदेश पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर सकता है या प्रस्तावित निर्धारण आदेश के खिलाफ डीआरपी के समक्ष आपत्ति दर्ज कर सकता है। डीआरपी, निर्धारिती को सुनवार्इ का अवसर प्रदान करने के बाद, 9 महीने के भीतर मामले में उपयुक्त आदेश पारित करता है। ​



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