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प्रधान आयकर महानिदेशालय (मानव संसाधन विकास)

हमारे बारे में​
  1. आयकर (मानव संसाधन विकास) निदेशालय के कार्य, निम्न प्रकार होगें:
    1. मानव संसाधन योजनाओं, नीतियों को डिजाइन और विकसित करना, और सर्वोत्कृष्ट स्त्रोत संघटन को सुनिश्चित करने के लिए आयकर विभाग की दृष्टि और लक्ष्य को सही स्थिति में लाने की प्रक्रियाओं को करना और कर दाता सेवाओं को प्रदान करना।
    2. आयकर विभाग में विभिन्न नौकरियों के लिए आवश्यक, आवश्यक नौकरियों, पदों और कौशल को निर्धारित और मूल्यांकित करना, और मानव संसाधन आवश्यकताओं के प्रक्षेपण को बनाना।
    3. व्यवस्थित कॅरियर प्रगति, समान अवसर, लिंग समानता, परामर्श और कर्मचारी कल्याण के लिए नीतियों की डिजार्इनिंग और क्रियान्वयन में सीबीडीटी को सहायता देना।
    4. सीबीडीटी के द्वारा संचालित डेटाबेस तक पहुंच के द्वारा एक मानव संसाधन सूचना प्रणाली का संचालन करना।
    5. भर्ती, पदोन्नति, प्रदर्शन मूल्यांकन, स्थानांतरण और उत्तराधिकारी की योजना से सम्बंधित उनके सहित उचित मानव संसाधन विकास नीतियों के विकास और क्रियान्वयन में सीबीडीटी को सहायता प्रदान करने में।
    6. प्रदर्शन हेतु परितोषक की कड़ी को जोड़ने के लिए एक वैज्ञानिक योजना को विकसित और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के लिए एक वैज्ञानिक और उद्देश्य प्रदर्शन प्रबंधन प्रणाली को डिजाइन करना।
    7. प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पहचानने, प्रशिक्षण नीतियों को बनाने और कौशल विकास को सुविधा देना, और विभाग के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए भारत और विदेश में अन्य शैक्षिक/प्रशिक्षण संस्थानों/एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करना।
    8. कर प्रशासन के क्षेत्र में समावेश प्रशासनिक सर्वोत्तम अभ्यासों के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
    9. कोर्इ अन्य मामला, जिसे सीबीडीटी के द्वारा विशेष रूप से सौंपा जा सकता है।
  2. आयकर निदेशालय (मानव संसाधन विकास) की अध्यक्षता, आयकर (मानव संसाधन विकास) के महानिदेशक के द्वारा की जाएगी, जो आयकर के मुख्य आयुक्त के स्तर के एक अधिकारी होंगे और यह निदेशालय, नर्इ दिल्ली में स्थित होगा। निदेशालय में आयकर (मानव संसाधन विकास) के एक निदेशक होंगे, जो आयकर के आयुक्त की रैंक के अधिकारी होंगे।
  3. आयकर निदेशालय (मानव संसाधन विकास) में संवर्ग प्रबंधन, प्रदर्शन प्रबंधन और प्रशिक्षण और क्षमता के तीन प्रभाग होगें। तीन प्रभाग, आयकर के सहायक आयुक्त की रैंक के अधिकारियों की अध्यक्षता में होंगे, जो निर्दिष्ट कार्यों को करेगें। प्रभाग, आयकर (मानव संसाधन विकास) के निदेशक को रिपोर्ट करेगें। प्रभाग के द्वारा सौपें गए कार्य, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा संशोधित किए जा सकते हैं।
  4. आयकर (मानव संसाधन विकास) निदेशालय, आयकर (मानव संसाधन विकास), नर्इ दिल्ली के मुख्य निदेशक के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करेगा।
  5. आयकर (मानव संसाधन विकास) निदेशालय, सीबीडीटी का एक संलग्न कार्यालय होगा और इसका प्रस्ताव, आयकर (मानव संसाधन विकास) के मुख्य निदेशक के समक्ष रखे जाएंगे, जो इसे केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्यों के सामने प्रस्तुत करेगें।
  6. आयकर (मानव संसाधन विकास) निदेशालय के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता, आयकर विभाग के समग्र स्वीकृत संख्या के भीतर से ही पूरी होगी।

मानव संसाधन विकास निदेशालय के तीन प्रभागों के लिए नियुक्त कार्य

  1. संवर्ग प्रबंधन प्रभाग:
    1. जनशक्ति पूर्वानुमान और योजना।
    2. स्टाफिंग।
    3. भर्ती नियमों में प्रस्तावित परिवर्तन।
    4. वार्षिक प्रत्यक्ष भर्ती योजना का चित्रांकन करना और वार्षिक कर्मचारियों और अधिकारियों की आवश्यकताओं को पेश करना।
    5. मानव संसाधन नीतियों, प्रक्रियाओं और प्रणालियों को डिजाइन करना और एक कार्य क्षेत्र से अन्य कार्य क्षेत्र से पदों के विपथन के लिए प्रस्तावों सहित, मानव संसाधन प्रणालियों और प्रक्रियाओं के लिए सीबीडीटी के दीर्घकालिक लक्ष्यों को स्थिति में लाना।
    6. अपेक्षित कौशल-सेट के साथ नामचीन अधिकारियों- जैसे, वकालत, अंतरराष्ट्रीय कराधान, राजकोषीय नीति और प्रबंधन, कर प्रशासन आदि, अपेक्षित प्रशिक्षण और संस्थागत समर्थन प्रदान करते हैं।
    7. मानव संसाधन सूचना प्रणाली, जैसे- प्रशिक्षण, नियुक्ति, कौशल उन्नयन और उत्तराधिकारी योजना और प्रश्न संकल्प के लिए सीबीडीटी के द्वारा व्यवस्थित कर्मचारियों के डेटाबेस तक पहुंचना।
    8. कल्याणकारी उपायों की सिफारिश व पहचान करना और तकनीकी और व्यक्तिगत मामलों पर सलाहकार सेवा को प्रदान करना।
    9. उच्च अधिकारियों के द्वारा इसे कोर्इ अन्य कार्य सौपना।

  2. प्रदर्शन प्रबंधन और एसीआर प्रभाग
    1. व्यक्तिगत प्रदर्शन पर निगरानी रखने के लिए प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआर्इएस) और प्रदर्शन प्रबंधन प्रणाली (पीएमएस) का विकास।
    2. जनशक्ति और बुनियादी ढांचागत प्रतिबंध को ध्यान में रखते हुए उद्देश्य लक्ष्य की स्थापना के आधार पर संगठन, समूह और व्यक्तिगत पदों के लिए प्रदर्शन सूचक का विकास।
    3. एक वैज्ञानिक मूल्यांकन प्रणाली और प्रदर्शन मापन की एक योजना आदि की डिजार्इनिंग।
    4. वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन समन्वयीकरण।
    5. प्रदर्शन के साथ पारितोषिक की कड़ी जोड़ना और उचित पारितोषक नीति को डिजाइन करना।
    6. उत्तरदायित्व के रखरखाव और व्यक्तिगत प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए, समर्थन देने के लिए और निगरानी रखने के लिए एक उपयुक्त प्रणाली को विकसित करने के लिए बाहरी सलाहकारों के साथ सम्बंध बनाना।
    7. एसीआर प्रारूप की डिजार्इनिंग और
    8. उच्च अधिकारियों के द्वारा इसे कोर्इ अन्य कार्य सौपना।

  3. प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रभाग:
    1. देश की आंतरिक एंवम् बाह्य संस्थानों की एक संख्या के साथ, सेवा अंतरालों (उदाहरण के लिए- सेवा के 6-9 वर्ष, सेवा के 10-16, 17-19 और 20-30 वर्ष) पर विभाग के अधिकारियों के लिए डीजी, एनएडीटी के साथ समन्वय में सेवा प्रशिक्षण कार्यक्रमों में समन्वयीकरण और संगठन करना।
    2. प्रशिक्षकों का विकास।
    3. प्रशिक्षण आवश्यकता विश्लेषण के व्यवहार्य मॉडल, प्रत्यक्ष प्रशिक्षक कौशल, प्रशिक्षण के लिए डिजाइन आदि का विकास।
    4. डीजी, एनडीटी के साथ परामर्श में प्रशिक्षण आवश्यकता विश्लेषण पर आधारित प्रशिक्षण के लिए अधिकारियों का नामांकन।
    5. घरेलू स्त्रोतों के माध्यम से अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए विदेशी संस्थाओं के साथ समन्वयीकरण।
    6. विदेशी संस्थाओं के साथ सहयोग में राजकोषीय नीति (विशेषकर कराधान नीति) के लिए केन्द्रों का विकास।
    7. प्रत्यक्ष कराधान और राजकोषीय/सार्वजनिक नीति में घरेलू प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना, और
    8. उच्च अधिकारियों के द्वारा इसे, कोर्इ अन्य कार्य सौपना।​​


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